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मथुरा। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली तथा उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार 26 नवम्बर, 2022 को संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा राजीव भारती की अध्यक्षता में जनपद न्यायालय मथुरा में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त न्यायिक अधिकारीगण, कर्मचारीगण, बार एसोसिएशन के पदाधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।
इस संगोष्ठी का संचालन सोनिका वर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा करते हुए संविधान के महत्व को बताया गया तथा संविधान के मूल कर्तव्यों को बताते हुए, अधिकारों के साथ मूल कर्तव्यों का पालन करना आम जनमानस के लिए अनिवार्य है, के सम्बंध में प्रकाश डाला गया।
बार एसोसिएशन के सचिव अरविन्द कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय ने 19 नवम्बर 2015 को 26 नवम्बर के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फेसला किया था। संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देश के हर नागरिक को हो, इसलिए इस दिन को मनाया जाता है।
अपर जिला जज राम राज द्वारा बताया गया कि संविधान दिवस हर साल 26 नवम्बर को मनाया जाता है। आज ही के दिन आजाद भारत को एक संविधान मिला था। 25 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया, जो 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इस दिन हर देशवासी इस बात को लेकर गौरव महसूस करता है कि संविधान हम सब की सर की छत है। इस दिन स्कूल, कॉलेजों में भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही भारत के संविधान की विशेषता और महत्व पर भी चर्चा की जाती है।
जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा राजीव भारती द्वारा संविधान की प्रस्तावना पर प्रकाश डाला गया, जिसके अंतर्गत उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण संविधान का सार प्रस्तावना में निहित कि, जिसमें राज्य की सम्प्रभुता अखण्डता एवं लिंग भेद की बात की गई है। कार्यक्रम के समापन पर जनपद न्यायाधीश द्वारा उपस्थित सभी न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों, बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों आदि को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई गई।
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